भारत में डिजिटलीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की रफ्तार अब थमने वाली नहीं है। संसद में सरकार के जरिए दी गई जानकारी के अनुसार देश में क्लाउड डाटा सेंटर की क्षमता 2030 तक मौजूदा स्तर से 4 से 5 गुना बढ़ने का अनुमान है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में बताया कि बैंकिंग, बिजली और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में डाटा की मांग तेजी से बढ़ रही है।
अभी क्या है स्थिति?
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में भारत की क्लाउड डाटा सेंटर क्षमता लगभग 1,280 मेगावाट तक पहुंच गई है। सरकार और निजी दोनों क्षेत्रों में एआई और क्लाउड सेवाओं को तेजी से अपनाया जा रहा है, जो इस विस्तार का मुख्य कारण है।
सुरक्षा है प्राथमिकता
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) सरकारी विभागों को क्लाउड सेवाएं देता है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकारी डाटा को संभावित खतरों से बचाने के लिए 'लेयर्ड सिक्योरिटी फ्रेमवर्क' का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि देश का डाटा पूरी तरह सुरक्षित रहे।